Sunday, August 09, 2009

जर्मनी में बाल कटाई बड़ा रंग लाई

तो भई मियाँ क्वार्क पहुंचे बाल कटवाने वो भी किसी ऐरे गैर नउव्वेसे से नही एक जर्मन barber से | स्विट्जरलैंड में तो बाल छूने के भी पैसे, पैसे नही फ्रँक लगते हैं और बाल कटवाने हो तो पता नही कितने फ्रँक ले लेते हैं | इतने तो लगते ही हैं जितने में आप अपने देस में साल भर बाल कटवा सकते हैं (चम्पी सहित) | इसका कारण सिर्फ़ forex रेट नही है पर इन देशो में जहाँ manual labor की कमी है जिस भी चीज़ में परिश्रम की जरूरत पड़ती है वो यकायक महंगी हो जाती है | खैर economic ज्ञान छोडिये, हम तो सपने ले कर गए थे की इतने सारे पैसे दे रहे हैं जरूर सोने की कैंची से बाल कटते होंगे | कमबख्त हमे क्या पता था की सब काम मशीनी होगा | जिस खोपडे को देसी कैंचियों, चमाटदार चम्पी और सुगन्धित तेल की आदत थी उसे तो मशीनी कटाई गुदगुदी ही लग रही थी |

पर मरता क्या न करता भई बाल बड़ा के भालुओं में गिनती भी तो नही करा सकते, किसी extinct होती species से मेल खा गए तो जू में बंद कर लेंगे वो भी जर्मन जानवरों के साथ | तो बैठ गए कुर्सी में चालु हो गई कटाई (जी हाँ कटाई सही शब्द है किसी खेत की कटाई से कम नही थी हमारे ज़ुल्फिकाओं की कटाई) | जब style के बारे में पूछा गया तो हमने मुहँ से बोल तो दिया की "छोटे" पर मन ही मन कहा की ऐसा काटो ऐसा काटो की २ महीने तक फ़िर तुम्हारे यहाँ कटवाने न आना पड़े | मजेदार बात तो ये हुई की कलम अर्थात sideburn की कटाई में हमसे पूछा गया की क्या १ cm काफ़ी रहेगा ! "अरे क्या फट्टा लगा के काटा जाएगा ?!" यही सोच के हमने मन ही मन ठहाके लगा लिए और अपना कपार barber के हवाले कर दिया, समझो की तुम पिकास्सो या डा विन्ची जैसे कोई महान कलाकार और मैं एक खाली कैनवास भर दो जिस रूप रंग में एक महान कृति बन जाए (बस बाल छोटे काटना) | बाकी सब तो ठीक था पर अपने देसी नउव्वे की तरह न तो मुफ्त की फिल्मी मैगजीन पड़ने को मिली और न ही समाज और राजनीति की संगीन चर्चा | बस थमा आए दोनों - euro और बाल एक मीठे से दांके के साथ|

2 comments:

R.A.V.E said...

bhaiya bahut maja aa gaya yeh padh ke.....

TheQuark said...

धन्यवाद R.A.V.E. बंधू आशा करते हैं हमें ऐसे रोचक अनुभव और होते रहे ताकि आब लोगों के संग बाँट सके