कायावती को पत्र
प्रीय जगत बहन सुस्री कायावती,
आपकी माया और काया दोनों महान है | रक्षाबंधन का दिन आया और चला भी गया और आपके अनेक भैय्यों में किसी ने आपकी सुध भी न ली | यों तो इस पर्व पे बहने अपने भाइयों की सलामती की दुआएं मांगती हैं पर आपके सब भैय्ये इस दिन आपसे सलामती की दुआएं मांगते हैं | पूरा देश राखी के स्वयंवर में इतना मशगूल हुआ की आपके बारे में किसी ने न सोचा, आख़िर आपके लाल हाथों को पीला करना आपके भैय्यों का ही फ़र्ज़ बनता है| जगत कल्याण और शिलान्यास से आपको समय नही मिलता और इस बेदर्द दुनिया और जालिम समाज ने आपके 'मुलायम' दिल को कठोर बना दिया है जो आप अपने बारे में सोचना भूल गई| राखी के स्वयंवर के बाद भारतवर्ष को एक और सच का सामना करना चाहिए, कौन होगा वो बांका 'सुवर' जो हाथी पर सवार होकर आयेगा और बहन कायावती के चरण पकड़ के हाथ थाम लेगा? मैं माननीय टीवी चैनल वालों से आग्रह करता हूँ की एक और वास्तविकता शो बनाया जाए - "कौन बनेगा कायावती का पती"
आपका
क्वार्क
5 comments:
like a donkey's kick: Hitting Hard and to the point.
@The Man: MAHALOL, thanks
replacing k with d will give a more dramatic effect.
hilarious post
keep them cooming!
@bagdu: hehe, par bahut logon ko samajh mein nahi ayega
@JD: thanks, bas bakarbandhuon ka sath chahiye :D
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